प्रस्तावना:
मध्यकालीन उत्तराखंड के इतिहास में बाज बहादुर चन्द (1638–1678 ई.) एक शक्तिशाली और दूरदर्शी शासक के रूप में प्रसिद्ध हुए। वे चन्द वंश के सबसे प्रभावशाली शासकों में गिने जाते हैं। उनके शासनकाल में कुमाऊँ राज्य ने न केवल राजनीतिक और सैन्य दृष्टि से मजबूती पाई, बल्कि क्षेत्रीय विस्तार भी हुआ। बाज बहादुर चन्द ने अपने साम्राज्य की सीमाओं को गढ़वाल, तराई और नेपाल के कुछ हिस्सों तक फैलाया और उत्तराखंड के राजनीतिक परिदृश्य को स्थिरता प्रदान की।
गढ़वाल पर विजय और विस्तार: बाज बहादुर चन्द ने गढ़वाल नरेश से कई युद्ध लड़े और अनेक क्षेत्रों को अपने अधीन किया। विशेष रूप से कत्यूर घाटी और अल्मोड़ा से लेकर गढ़वाल की सीमाओं तक उन्होंने अपनी शक्ति स्थापित की। उनकी सैन्य नीति और युद्धकौशल ने कुमाऊँ राज्य को पश्चिम दिशा में सुदृढ़ किया और गढ़वाल की शक्ति को संतुलित किया।
तराई और मैदानी क्षेत्रों पर नियंत्रण: उन्होंने कुमाऊँ के तराई क्षेत्रों पर अधिकार स्थापित किया, जो कृषि और व्यापार की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण थे। इन उपजाऊ क्षेत्रों पर नियंत्रण ने राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ किया। तराई क्षेत्रों में चन्द शासकों का प्रभाव बढ़ने से कुमाऊँ की आर्थिक स्थिरता और खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई।
नेपाल और कत्यूर क्षेत्रों में प्रभाव: बाज बहादुर चन्द ने नेपाल की पश्चिमी सीमाओं और कत्यूर क्षेत्र पर भी प्रभाव जमाया। इससे कुमाऊँ राज्य की सीमाएँ अंतरराष्ट्रीय संपर्क क्षेत्रों तक पहुँच गईं। नेपाल के साथ हुए संघर्षों और समझौतों ने कुमाऊँ को एक सशक्त क्षेत्रीय शक्ति बना दिया, जिससे उसकी प्रतिष्ठा हिमालयी राजनीति में बढ़ी।
क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव: बाज बहादुर चन्द के विस्तारवादी प्रयासों से कुमाऊँ राज्य की राजनीतिक स्थिरता मजबूत हुई। उनके शासनकाल में बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा सुनिश्चित हुई और राज्य की सीमाएँ अधिक संगठित हो गईं। उनके द्वारा जीते गए क्षेत्रों में प्रशासनिक सुधार और कानून-व्यवस्था स्थापित की गई, जिससे व्यापार मार्ग सुरक्षित हुए और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ीं।
दीर्घकालिक परिणाम: यद्यपि उनके उत्तराधिकारियों के काल में राजनीतिक कमजोरी आने लगी, फिर भी बाज बहादुर चन्द द्वारा किया गया विस्तार लंबे समय तक कुमाऊँ की शक्ति का आधार बना रहा। उनकी नीतियों ने चन्द वंश को हिमालयी क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली वंश बना दिया और कुमाऊँ की पहचान को स्थायी रूप से प्रभावित किया।
निष्कर्ष:
सारांशतः, बाज बहादुर चन्द का शासनकाल कुमाऊँ राज्य के क्षेत्रीय विस्तार और राजनीतिक स्थिरता का स्वर्णिम काल था। उनके सैन्य अभियानों ने राज्य की सीमाओं को सुदृढ़ किया, आर्थिक शक्ति को बढ़ाया और कुमाऊँ को हिमालयी राजनीति में एक महत्त्वपूर्ण शक्ति बना दिया। इस प्रकार बाज बहादुर चन्द को कुमाऊँ के इतिहास में एक महान विजेता और सुदृढ़ शासक के रूप में याद किया जाता है।