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उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था: विकास और संभावनाएँ

परिचय

उत्तराखंड, भारत का एक पर्वतीय राज्य, अपनी सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक संभावनाओं के लिए जाना जाता है। यह राज्य पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, विशेषकर पर्यटन, कृषि और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) में तेजी से विकास के लिए पहचाना गया है। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था अनुकूल औद्योगिक नीतियों, निवेश प्रोत्साहनों और समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के कारण एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति बन रही है।

औद्योगिक नीतियाँ और निवेश

उत्तराखंड की औद्योगिक नीतियाँ इस राज्य की आर्थिक वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हैं। राज्य सरकार ने विभिन्न उद्योगों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल नीतियाँ तैयार की हैं, जिनमें कर लाभ, वित्तीय सहायताएँ और सब्सिडी शामिल हैं। यह नीतियाँ नए उद्यमियों और निवेशकों के लिए हितकर साबित हुई हैं। 2022 तक, राज्य में 30 औद्योगिक उद्यम संचालकों के ज्ञापन (IEM) प्राप्त हुए हैं, जिनका कुल मूल्य लगभग US$ 209.30 मिलियन है। इस निवेश से राज्य में औद्योगिक क्षेत्र का विकास और नई नौकरियाँ सृजित हो रही हैं।

बुनियादी ढांचा

अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बुनियादी ढांचा एक महत्वपूर्ण कारक है। उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे का उल्लेखनीय विकास हुआ है। राज्य में 39,000 किलोमीटर से अधिक का सड़क नेटवर्क है, जो विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ता है। इसके अलावा, यहां दो घरेलू हवाई अड्डे और 345.23 किलोमीटर रेल मार्ग हैं। पर्याप्त बुनियादी ढांचा न केवल व्यापार के लिए सहायक है बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। उत्तरी भारत के विभिन्न हिस्सों से व्यापार और पर्यटकों की आवाजाही को सरल बनाने के लिए सड़कों और हवाई परिवहन की सुविधाएँ महत्वपूर्ण हैं।

कृषि और ग्रामीण विकास

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कृषि है। राज्य में फल, सब्जियाँ और औषधीय पौधों का उत्पादन प्रमुखता से होता है। 2024-25 के बजट में, कृषि क्षेत्र के लिए 644 करोड़ रुपये (US$ 77.25 मिलियन) आवंटित किए गए हैं, जिसमें प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय मिशन और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी योजनाएँ शामिल हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना और किसानों की आय में सुधार करना है।

MSME क्षेत्र का महत्व

छोटे और मध्यम उद्यमों का विकास उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। MSME क्षेत्र न केवल रोजगार सृजन में सहायक है, बल्कि स्थानीय उद्यमिता को भी बढ़ावा देता है। सरकार ने इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए ‘विज़न 2030’ रणनीति तैयार की है, जिसमें MSME की क्षमता को फैलाना एक प्राथमिकता है। 2030 तक इस क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

पर्यटन उद्योग

उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों, और वन्यजीव पार्कों ने इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है। 2023 में, राज्य ने लगभग 7 करोड़ पर्यटकों का आगमन देखा और अनुमानित है कि यह संख्या 2024 में 20% बढ़कर 8.4 करोड़ हो जाएगी। सरकार पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए आधिकारिक स्वदेश दर्शन योजना के तहत धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

पिछले कुछ वर्षों के विकास

विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में लगातार वृद्धि के बावजूद, उत्तराखंड ने कुछ प्रमुख चुनौतियों का सामना किया है। लेकिन इसके बावजूद, राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी से उन्नति देखी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार, राज्य की प्रति व्यक्ति आय 17 गुना बढ़ चुकी है और उन्होंने अगले पाँच वर्षों में जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

सरकारी प्रयास और बजट आवंटन

उत्तराखंड का बजट वर्तमान में तेजी से बढ़ रहा है। 2020 में, राज्य का बजट लगभग 4,500 करोड़ रुपये था जो कि 2024-25 में 94,000 करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है। इस बजट में शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और अस्पताल जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश शामिल है।

शिक्षा और कौशल विकास

राज्य सरकार ने शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की है। 2024-25 के बजट में शिक्षा के लिए 11,700 करोड़ रुपये (US$ 1.40 बिलियन) आवंटित किए गए हैं। यह उच्चतम स्तर पर शिक्षा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे राज्य के युवा पीढ़ी को नई अवसर प्रदान होंगे और रोजगार में वृद्धि होगी।

सूचना प्रौद्योगिकी का योगदान

उत्तराखंड ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने देहरादून में सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) का एक स्टेशन स्थापित किया है, जो उच्च गति इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करता है। यह क्षेत्र विभिन्न उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का एक नया अवसर बनाता है।

ऊर्जा उत्पादन

राज्य की कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 4,459.48 मेगावाट है। इसमें जल विद्युत का योगदान 2,155.89 मेगावाट, थर्मल पावर का 1,335.76 मेगावाट, और नवीकरणीय ऊर्जा का 936.59 मेगावाट है। स्वच्छ ऊर्जा के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो राज्य की स्थायी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण है।

भविष्य की संभावनाएँ

उत्तराखंड की सरकार ने राज्य के विकास के लिए कई प्रमुख पहलों की योजना बनाई है। राज्य में MSME क्षेत्र के विस्तार के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र में भी विकास की अपार संभावनाएँ हैं। 2030 तक, सरकार ने कृषि उत्पादों की प्रसंस्करण क्षमता को 15% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड एक समृद्ध भविष्य के लिए अग्रसर है। पिछले 24 वर्षों में, राज्य की अर्थव्यवस्था ने अद्वितीय विकास देखा है, जहाँ 2000 में जीएसडीपी ₹14,501 करोड़ थी, जो अब ₹3,94,000 करोड़ से अधिक पहुँच चुकी है। यह विकास तेजी से बढ़ते पर्यटन क्षेत्र के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र की मजबूती पर निर्भर करता है। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में यह वृद्धि न केवल स्थानीय क्षेत्र की समृद्धि को दर्शाती है बल्कि इसे भारत के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित कर रही है।

उत्तराखंड के लोगों की मेहनत, सरकार की नीतियों और प्राकृतिक संसाधनों के सही प्रबंधन ने इसे एक उज्ज्वल भविष्य प्रदान किया है। यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ विकास के नए अध्याय लिखने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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