प्रस्तावना:
मांगल गीत उत्तराखंड की विवाह परंपरा का एक अनिवार्य और पवित्र हिस्सा हैं। ये गीत केवल संगीत नहीं हैं, बल्कि ये शुभकामनाओं, आशीर्वादों और धार्मिक अनुष्ठानों का प्रतीक हैं। ये गीत विवाह की शुरुआत से लेकर विदाई तक हर महत्वपूर्ण कार्यक्रम में गाए जाते हैं, ताकि विवाह समारोह को पवित्र और सुखद बनाया जा सके। ये गीत दूल्हा-दुल्हन के जीवन में सुख, समृद्धि और सद्भाव लाने के लिए देवी-देवताओं का आह्वान करते हैं, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
धार्मिक अनुभव, आशीर्वाद और पवित्रता: मांगल गीतों का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना है। इन गीतों में गणेश, शिव-पार्वती और अन्य देवी-देवताओं की स्तुति की जाती है। इन गीतों को गाकर परिवार के सदस्य और रिश्तेदार यह प्रार्थना करते हैं कि नवदंपति का जीवन सुखमय हो और वे सभी बाधाओं से सुरक्षित रहें। ये गीत विवाह समारोह को एक पवित्र और धार्मिक अनुष्ठान का रूप देते हैं।
पौराणिक कहानियों का वर्णन: कई मांगल गीतों में पौराणिक विवाह प्रसंगों का वर्णन होता है, विशेष रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह का वर्णन। इन गीतों में उनके विवाह के चरणों, जैसे बारात, विवाह संस्कार और विदाई का वर्णन किया जाता है। ये कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं होतीं, बल्कि ये विवाह के महत्व और पारिवारिक मूल्यों को भी दर्शाती हैं, जिससे दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार को अपनी संस्कृति से जुड़ाव महसूस होता है।
प्रदर्शन का स्वरूप और सामूहिक भागीदारी: मांगल गीत आमतौर पर महिलाओं के समूह द्वारा गाए जाते हैं। घर की महिलाएँ इकट्ठा होकर ढोलक, हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्रों की संगत में या बिना किसी वाद्य यंत्र के गाती हैं। यह सामूहिक गायन महिलाओं की सामूहिकता और उनके द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण सांस्कृतिक भूमिका को दर्शाता है। यह एक ऐसा क्षण होता है जब सभी महिलाएँ मिलकर खुशियाँ मनाती हैं और अपनी भावनाओं को गीतों के माध्यम से व्यक्त करती हैं।
वातावरण को शुभ और आनंदमय बनाना: ये गीत विवाह के माहौल को पवित्र और आनंदमय बनाते हैं। इनकी धुन और बोल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और सकारात्मकता, उम्मीद और खुशी का माहौल बनाते हैं। जब दूल्हा-दुल्हन विवाह की रस्में पूरी कर रहे होते हैं, तब ये गीत लगातार गाए जाते हैं, जिससे उन्हें आशीर्वाद और प्रोत्साहन मिलता है।
सांस्कृतिक निरंतरता और मूल्यों का प्रतीक: मांगल गीत पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही एक परंपरा है। ये गीत न केवल संस्कृति को जीवित रखते हैं, बल्कि प्रेम, समर्पण और परिवार के मूल्यों को भी दर्शाते हैं। ये गीत बताते हैं कि विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों और उनकी परंपराओं का भी मिलन है। ये गीत सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करते हैं।
निष्कर्ष:
मांगल गीत उत्तराखंड की विवाह परंपरा का अभिन्न अंग है। ये गीत न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाते हैं, बल्कि विवाह समारोह में पवित्रता, खुशी और सकारात्मकता का भी संचार करते हैं। ये गीत पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही परंपरा का एक अभिन्न अंग हैं जो विवाह को एक सार्थक और अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं।